Story part 4

शाकुन्तला का पुत्र आश्रम मे कण्व ऋषी तथा अन्य विद्वानों की छत्र -छाया मे पल कर बड़ा हुआ। उस बालक की अनेक योगयताये देख कर महाषि कण्व को ये विश्वास हो गया की ये बालक युवराज होने के लायक है Read More

Story part 3

राजा दुष्यन्त की प्रतीक्षा और याद मे खोई शकुन्तला ने आश्रम की दिनचर्या मे भाग लेना कम कर दिया। दुर्भाग्यवश ऐसे समय मे जब शकुन्तला अपनी यादों मे खोई हुई थी कि आश्रम मे दुर्वाषा ऋषि आगमन करते हैं। शकुन्तला Read More

Story part 1

हिमालय की अनन्त पर्वतीय श्रंखलाओ में से शिवािलक पर्वतीय श्रेणीयों के सघन वनों मे िस्तथ ये रमणीय स्थान पवित्र मालिनी के तट पर है और जिसे कणव ऋषी का आश्रम या कणवाश्रम भी कहते है । व्यापक क्षेत्र में फैला Read More