Some additional photos of the track to Raj Darbar
राज दरबार के ट्रैक के कुछ चित्र।
KANVASHRAM – A national heritage site
Birth Place of Emperor Bharat
राज दरबार के ट्रैक के कुछ चित्र।
कण्वाश्रम और उसके आसपास के क्षेत्र मे अनेकों स्थान है जो कि कण्वाश्रम से जुड़े हुए हैं। जैसे कि किमसेरा, विस्तार काटिल, सौंटिल्याधार इत्यादि। एक स्थान जो कण्वाश्रम के के निकट एक पहाड़ के शिखर पर है को स्थानीय लोग Read More
कण्वाश्रम को पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने का शिलान्यास प्रदेश के पर्यटन तथा वन मंत्री ने १७ दिसम्बर २०१८ को कण्वाश्रम मे किया। शिलान्यास के सम्बन्ध मे जो विज्ञप्ति १५ दिसम्बर को अमर उजाला Read More
News Nation TVचैनल द्वारा कण्वाश्रम पर एक serial बनाया जा रहा है जो कि उनके programme “रहस्य “ में दर्शाया जायेगा। उसको बनाने के लिए News Nation की टीम ने कण्वाश्रम में 25 Nov 2018 को shooting Read More
Published by Virender Rawat · 21 September at 07:59 · कण्वाश्रम विकास समिति की एक बैठक १६सितम्बर २०१८ को हुई जिस में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। वन विभाग दारा कण्वाश्रम में उत्तखन्न की अनुमति नहीं देना चर्चा का मुख्य बिन्दु रहा।
Published by Virender Rawat · 8 September · कण्वाश्रम विकास समिती के सहयोग से दूर दर्शन दारा “कण्वाश्रम” पर निर्मित एक Documentary का प्रसारण 09 Sep 2018 को दिन के 1 बजे DDUP चैनल पर किया जायेगा । Air Read More
Published by Virender Rawat · 29 August · कण्वा आश्रम विकास समिति को सहयोग कर शौर्य स्पोटर्स क्लब, कण्व घाटी के सदस्यों ने भरत स्मारक परिसर के बाहर के क्षेत्र में पौधारोपण कर अनेक अशोक के पेड़ लगाये तथा बोगनविलिया की क़लम लगायी। Read More
Published by Virender Rawat · 8 August · कण्वाश्रम को केन्द्र दारा इाकोनिक स्थल धोषित करने के उपरान्त राज्य सरकार दारा कण्वाश्रम विकास समिती के सहयोग से वहॉ सौन्दरियकर्ण हेतू कार्यो को एक सूची तैयार की गयी है। इस सूची मे मुख्य मालिनी Read More
The article has been published on 27 Jun 2018 in Dainik Jagran news paper highlighting the delay by the Uttrakhand state government to grant NOC to Aercheological Survey of India to carry out excavation in Read More
एन०जी०टी० National Green Tribunal के आदेश के तहत गंगा की सहायक नदियाँ, जिस में मालिनी नदी भी है, के तटों से ५० मीटर दूरी तक कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। पर Read More