एन०जी०टी० National Green Tribunal के आदेश के तहत गंगा की सहायक नदियाँ, जिस में मालिनी नदी भी है, के तटों से ५० मीटर दूरी तक कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। पर आश्चर्य की बात ये है कि इस नियम का खुला उल्लंघन कर मालिनी नदी के तटों को भारी मशीनों से खोद कर नदी का स्वरूप ही बदला जा रहा है। ये एक बहुत ही भयानक स्तिथी है जिस का बहुत दूरगामी परिणाम होगे। जन प्रतिनिधियों तथा भाबर की समस्त जन मानस से अनुरोध है कि इस विध्वंसक कार्य का विरोध करे।


