The duel face of the local representatives becomes apparent when on one hand they talk about enhancing tourism in the region by executing various projects in and around Kanvashram but on the other hand withhold projects proposed by their own government and funds for whom are available. I am talking about the construction of Signage in Kanvashram about which I wrote on 03 Jun 2016. This structure and some other were proposed by the Kanavashram Vikas Samiti to the tourism dept and they had agreed to built them But these have been held up due to minor clearance by the Forest Dept. Getting these clearance is well within the reach of the local representatives. But there is a saying करनी और कथनी मे अन्तर होता है। so dear friends the beautification work around Kanavashram has been intentionally held up for reason not known.
हमारे क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों का दो मुहि चेहरा इस बात को ले कर उजागर होता है कि एक तरफ़ वो कण्वाश्रम मे पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करते है और दूसरी और जो कार्य उनकी सरकार के द्वारा स्वीकार किये गये हैं और जिन के लिए धन भी आवंटित किया जा चुका है की राह मे प्रतिरोध उत्पन्न कर रहे है। कण्वाश्रम मे साईनेज बनाने के सम्बन्ध मे ०३ जून मे लिखा था। ये साईनेज तथा अन्य कुछ कार्य जो कि पर्यटन तथा कणवाश्रम विकास समिति की सहमति से होने थे को वन विभाग द्वारा अड़चन डाल कर रोक दिया गया है। इस प्रतिरोध को हटाने मे जन प्रतिनिधि सक्षम है। पर करनी और कथनी मे अंन्तर है। सो मित्रों कण्वाश्रम के विकास मे सोच समझ कर प्रतिरोध पैदा किया जा रहा है।