A number of proposals were submitted by the Kanvashram Vikas Samiti to the Shri Harak Singh Rawat, Forest Minister, Uttrakhand. Prominent amongst them was the return of the artifacts and monuments to Kanvashram which have been illegally given away by the Forest dept to a private institution. Other proposal were regarding change of name of Kalghati to Kanvghati. Damage to the area around the bridge pier was also brought to the notice of the minister. It was also submitted to the minister to help in construction of “Bharat Samarak”. It was also suggested that the size of the proposed water body be limited to leave enough space for the yearly Mela.

 

कण्वाश्रम विकास समिति दवारा सभा मे माननीय वन मंत्री हरक सिंह रावत के सम्मुख अनेक प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये। इनमे प्रथम प्रस्ताव था कि कण्वाश्रम से संग्रहित मूर्तियां जोकि वन विभाग दवारा अनाधिकृत तरीके से एक निजि संस्थान को दे दी गयी थी को वापस लाना क्योंकि ये इस क्षेत्र के जन मानस की प्रतिष्ठा से जुडा है। दूसरा प्रस्ताव मे कलालघाटी के नाम को बदल कर कण्वघाटी करना। तीसरे प्रस्ताव मे समिति दवारा ये निवेदन किया गया था कि उत्तराखण्ड सरकार दवारा कण्वाश्रम क्षेत्र मे पुरात्तव विभागदवारा उ्तखन्न का कार्य कराया जाये। कण्वाश्रम मे नर्मित पुल के एक पाये के नीचे से भूमी कटाव के कारण पुल को धसने का खतरा बड गया है इसलिये इस को यथा शीध्र ठीक कर दिया जाये। इस के अतिरिकत भरत स्मारक के निर्माण मे सहयोग के लिए भी निवेदन किया गया था। कण्वाश्रम मे प्रस्तावित झील के निर्माण के सम्बन्ध मे समिति दवारा से सुझाव दिया गया था कि झील के आकार को छोटा कर एसे स्थान मे बनाया जाये ताकि उसके बनने से वार्षिक कण्वाश्रम के मेले के अाकार मे कमी नही आये।

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