Story part 4

शाकुन्तला का पुत्र आश्रम मे कण्व ऋषी तथा अन्य विद्वानों की छत्र -छाया मे पल कर बड़ा हुआ। उस बालक की अनेक योगयताये देख कर महाषि कण्व को ये विश्वास हो गया की ये बालक युवराज होने के लायक है Read More